वजन घटाए सिर्फ 30 दिनों मे।

Fat to fit only 30 days.

आज के समय मे हर कोई सुंदर और युवा दिखना चाहता है। मगर कुछ लोग अपने बड़े पेट और जादा वजन के कारण अपने आप को दुसरो से कम सुंदर और युवा समझने लगते है। वे जहाँ भी जाते है उन्हे ये डर सताता है की कहीं कोई उन्हे पेट को notice तो नही कर रहा और इस तरफ वो कहीं भी जाने से कतराते है।

अगर आप भी इस परेशानी के शिकार है और अपने अंदर बदलाव लाना चाहते है तो ये page आपके लिए है।

जी बिल्कुल आज मैं आपको की कैसे आप ना सिर्फ इस प्रॉब्लम से छुटकारा पा सकते है, बल्कि आप भी सुंदर और युवा दिख सकते है और लोगो के चहेते बन सकते है।

तो चलिए शुरू करते है। मगर एक और बात आप अगर ये सोचते है की मैने आज शुरू किया और का मुझे ruselt मिल जाए तो इस नही है। कोई भी काम एक दिन मे नही होता, मगर एक दिन जरूर होता है।

आपको बस तीन चीजों का ध्यान रखना है।

  1. योगासन और व्यायाम
  2. खानपान
  3. अन्य

आज मै आपको योगासन और व्यायाम के बारे मे बताऊंगा और आगे आने वाले पोस्ट मे खानपान और अन्य के बारे में बताऊंगा।

योगासन

टॉप 10 योगासन जो आपके वजन को कम करेगा और आपको सुंदर बनायेगा।

1. बालासन – बालासन मोटापा कम करने में बेहद मददगार होता है। इसे करने के लिए सबसे पहले तो आप जमीन पर मैट बिछाकर एड़ियों के बल पर बैठ जाएं। फिर हाथ ऊपर की तरफ उठे हुए होने के साथ, सांस बाहर छोड़ते हुए, अपना माथा जमीन पर टेक दें। उसके बाद आप ठीक वैसा करे जैसा नीचे दिखाया जा रहा है। आप कम से कम इसे 3-5 मिनट तक करे।

बालासन योग

2.नौकासन – नौकासन पीठ के बल लेट कर किये जाने वाले आसनों में एक महत्वपूर्ण योगासन है। इस आसन को नौकासन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसका आकार नाव की तरह का होता है। इसको नावासन के नाम से भी पुकारा जाता है। इसके फायदे अदभूत हैं। यह पेट की चर्बी को कम करने के लिए बहुत ही प्रवभाशाली योगाभ्यास है। यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है और साथ ही साथ सिर से लेकर पैर की अंगुली तक फायदा पहुँचाता है। इसके जितने भी लाभ गिनाये जाए कम है। इसलिए चाहिए कि हर योग साधक नियमित रूप से इस योगासन का प्रैक्टिस करे।उसके बाद आप ठीक वैसा करे जैसा नीचे दिखाया जा रहा है। आप कम से कम इसे 3-5 मिनट तक करे।

नौकासन योग

3.अनुलोम-विलोम प्राणायाम -अनुलोम का अर्थ होता है सीधा और विलोम का अर्थ है उल्टा। यहां पर सीधा का अर्थ है नासिका या नाक का दाहिना छिद्र और उल्टा का अर्थ है-नाक का बायां छिद्र। अर्थात अनुलोम-विलोम प्राणायाम में नाक के दाएं छिद्र से सांस खींचते हैं, तो बायीं नाक के छिद्र से सांस बाहर निकालते है। इसी तरह यदि नाक के बाएं छिद्र से सांस खींचते है, तो नाक के दाहिने छिद्र से सांस को बाहर निकालते है। उनके अनुसार इसके नियमित अभ्यास से शरीर की समस्त नाड़ियों का शोधन होता है यानी वे स्वच्छ व निरोग बनी रहती है। इस प्राणायाम के अभ्यासी को वृद्धावस्था में भी गठिया, जोड़ों का दर्द व सूजन आदि शिकायतें नहीं होतीं और ये योग आपके स्वसनंग को मजबूत बनता है और आपके चहरे पर निखार और चमक लाता है। आप इस योग को अपने क्षमता अनुसार कर सकते है। क्युकी इसे आप जितने देर तक करोगे उससे आपको उतना ही अधिक लाभ मिलेगा।

अनुलोम-विलोम प्राणायाम

4.चक्रासन– चक्रासन योग पीठ के बल लेट कर किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण योगाभ्यास है।  चक्रासन दो शब्द मिलकर बना है -चक्र का अर्थ पहिया होता है और आसन से मतलब है योग मुद्रा। इस आसन की अंतिम मुद्रा में शरीर पहिये की आकृति का लगता है इसलिए यह नाम दिया गया है। ये आसन मे आपको सबसे पहले mat पर आराम से लेट जाना है, फिर अपने भुजाओं और पैरों की मदद से अपने शरीर को उपर उठाए और तब तक उठाए जब तक आपका शरीर एक चक्र के समान ना लगने लगे। आप कम से कम इसे 3-5 मिनट तक करे।नियमित रूप से करते रहने से ना सिर्फ आपका पेट कम होगा बल्कि आपके रीड की हड्डी मे लचक भी आयेगा। जो आपके एक अच्छा लुक देगा।

चक्रासन

5. धनुरासन -इस आसन को करते हुए शरीर का आकार एक धनुष के समान दिखाई देने लगता है, इसलिए इसे धनुरासन कहा जाता है। यह आसन करते समय आपको भुजंगासन और शलभासन दोनों के लाभ एक साथ प्राप्त होते हैं। अगर आप धनुरासन का अभ्यास रोज करती हैं, तो पेट संबंधी और मासिक धर्म संबंधी समस्याएं दूर हो सकती हैं।महिलाओं के मासिक धर्म से संबंधित रोग दूर होते हैं।धनुरासन से सबसे अधिक खिंचाव रीढ़ की हड्डी पर पड़ता है, जिससे रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।धनुरासन करने से पेट और इसके आस-पास के हिस्से में सबसे अधिक खिंचाव होता है। जिससे आपका पाचन तंत्र बेहतर बनता है।

धनुरासन योग

6. चक्कीचलनासन -चक्कीचलनासन योग अन्य आसनों में से सबसे अच्छा माना जाता है जब चक्की योग मुद्रा का सुबह-सुबह अभ्यास किया जाता है। भोजन को अच्छे से पचाने के लिए सुबह का समय अच्छा माना जाता है और सुबह आपके शरीर में आसन करने की ऊर्जा होती है। यह योगासन आपकी रीढ़ की मालिश करता है साथ में यह आपकी रीढ़ को कोमल और लचीला बनाए रखने में मदद करता है और आपकी बेहतर नींद में भी मदद कर सकता है।चक्कीचलनासन आपकी रीढ़ को लचीला बनाने में फायदेमंद योग है और आपकी मुद्रा को बेहतर बनाने में भी मदद करता है। यह आपके शरीर से बुढ़ापे के लक्षणों को कम करने में भी मदद करता है। यह योग आसन आपके कशेरुक को भी एक अच्छी मालिश देता है। आप इस योग आसन का अभ्यास करते हुए अपने कशेरुकाओं में एक स्फूर्तिदायक अनुभूति महसूस करेंगे।

चक्कीचलनासन योग

7.पश्चिमोत्‍तनासन – पीठ में खिंचाव उत्पन्न होता है, इसीलिए इसे पश्चिमोत्तनासन कहते हैं. इस आसन से शरीर की सभी मांसपेशियों पर खिंचाव पड़ता है। पशिच्मोत्तासन के द्वारा मेरूदंड लचीला व मजबूत बनता है जिससे बुढ़ापे में भी व्यक्ति तनकर चलता है और उसकी रीढ़ की हड्डी झुकती नहीं है।  इसके अभ्यास से शरीर की चर्बी कम होकर मोटापा दूर होता है तथा मधुमेह का रोग भी ठीक होता है। अपने पैर को सामने की ओर सीधी करके बैठ जाएं। दोनों पैर आपस में सटे होने चाहिए। पीठ को इस दौरान बिल्‍कुल सीधा रखें और फिर अपने हाथों से दोनों पैरों के अंगूठे को छुएं। ध्‍यान रखें कि आपका घुटना न मुड़े और अपने ललाट को नीचे घुटने की ओर झुकाए। 5 सेकेंड तक रुकें और फिर वापस अपनी पोजीशन में लौट आएं। यह पोजीशन किडनी की समस्‍या के साथ क्रैम्‍स आदि जैसी समस्‍या से भी निजात दिलाता है।

पश्चिमोत्‍तनासन योग

8. भुजंगासन –भुजंग का अर्थ सर्प होता है, इसलिए भुजंग-आसन को “सर्प आसन” भी कहा जाता है। भुजंगासन को अंग्रेजी में Cobra Pose कहा जाता है। सभी आसनों में से भुजंग आसन एक प्रसिद्ध आसन है। पीठ के दर्द के रोगीयों के लिए यह आसान अत्यंत गुणकारी होता है। सम्पूर्ण व्यायाम कहे जाने वाले सूर्यनमस्कार (Suryanamaskar) में भुजंगासन सातवे क्रम पर आता है। यह लाभदायी आसन प्रति दिन करने से करने से कंधे, हाथ, कुहनियाँ, पीठ, किडनी, और लीवर को मज़बूती मिलती है, तथा अनेक रोगों से मुक्ति मिलती है।भुजंग आसन शुरुआत में तीन बार तक करना चाहिए। (यानी कि बीस सेकंड से तीस सेकंड का एक सेट और ऐसे तीन सेट) अभ्यास बढ़ जाने के बाद धीरे धीरे इसकी संख्या पाँच, सात, ग्यारह या फिर इक्कीस बार तक बढ़ाई जा सकती है।भुजंग आसन करने से पीठ की हड्डी मज़बूत हो जाती है। कब्ज़ रोग दूर होता है, गैस की समस्या मिट जाती है। पाचन तंत्र मजबूत होता है और पेट में जमी हुई अतिरिक्त चर्बी भी दूर हो जाती है। इस व्यायाम को प्रति दिन सुबह में करने से रीड़ की हड्डी लचकदार बन जाती है।

भुजंगासन योग

9.सूर्य नमस्कार योगासनों में सर्वश्रेष्ठ है। यह अकेला अभ्यास ही साधक को सम्पूर्ण योग व्यायाम का लाभ पहुंचाने में समर्थ है। इसके अभ्यास से साधक का शरीर निरोग और स्वस्थ होकर तेजस्वी हो जाता है। ‘सूर्य नमस्कार’ स्त्री, पुरुष, बाल, युवा तथा वृद्धों के लिए भी उपयोगी बताया गया है।सूर्य नमस्कार १२ शक्तिशाली योग आसनों का एक समन्वय है, जो एक उत्तम कार्डियो-वॅस्क्युलर व्यायाम भी है और स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। सूर्य नमस्कार मन और शरीर दोनों को तंदुरुस्त रखता है। सूर्य नमस्कार पूरे शरीर और चंचल मन के लिए बहुत लाभदायक सिद्ध होता है। कई तरह के रोग पूरी तरह से ख़तम हो जाते है और स्वास्थ तरोताजा रहता है।

सूर्य नमस्कार योग

10. दौड़-दौड़ एक ऐसा व्यायाम है जिससे पूरे शरीर की कसरत हो जाती है। दौड़ने से पैर, हाथ, स्वास और पीठ सभी पूरी तरह एक्टिव हो जाते है। सबसे जयादा पसीना दौड़ने से ही निकलता है और आप जितना पसीना बहाते है आपको उतना अधिक better reuselt पाते है। दौड़ने से आपके पूरे शरीर की fat पसीना बनकर निकलता है और अगर आप नियमित रूप से दौड़ते है तो आप अपने आप को जादा सुंदर और युवा रख सकते है। एक वक्ति को फीट रहने की लियेे रोज कम से कम 2-4 km दौड़ना ही चाहिए। आरंभ मे आप कम दौड़ कर शुरू करे और जैसे जैसे आप नियमित दौड़ने लगे वैसे वैसे आप अपनी दूरी बढ़ते जाए।

दौड

मै तो ये कहता हूं की दौड़ तो सभी को लगानी चाहिए। अगर छोटे बच्चो को भी योग और दौड़ के लिए प्रेरित किया जाए तो ये उनके लिए भी बहुत लाभकारी सिद्ध होगा।

आप नियमित रूप से योग का पालन करे आपको ruselt जरूर मिलेगा।

मेरा पोस्ट पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत ध्यांवाद।

कॉमेंट करके जरूर बताये की मेरे पोस्ट आपको कैसी लगी?

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